हरियाणा में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान एक्शन मोड में हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि नेताओं ने अपने हित को पार्टी हित से ऊपर रखा। कयास लगाए जा रहे हैं कि हरियाणा के प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेशाध्यक्ष उदयभान की छुट्टी हो सकती है। वहीं सैलजा को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
चंडीगढ़। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस नेताओं में घमासान जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान जहां हार का ठीकरा इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर फोड़ रहे हैं, वहीं कई प्रत्याशी गुटबाजी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
इस बीच कांग्रेस आलाकमान की ओर से मिल रहे संकेतों के मुताबिक हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान की छुट्टी हो सकती है। साथ ही विधानसभा में गैर जाट विधायक को विपक्ष का नेता बनाया जा सकता है।
संगठन में बड़े बदलाव कर सकता है हाईकमान
विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस मंथन के दौर से गुजर रही है। पार्टी हाईकमान ने प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से हार को लेकर जवाब मांगा है। हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर और कांग्रेस को लेकर अच्छे माहौल के बाद भी मिली हार को पार्टी ने गंभीरता से लिया है। पार्टी हाईकमान संगठन में बड़े बदलाव कर सकता है।
हरियाणा में 12 साल से नहीं है कांग्रेस का संगठन
राज्य में पिछले 12 साल से कांग्रेस का संगठन नहीं बन पाया है। प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान खुद पलवल के होडल में चुनाव हार गए। हार की समीक्षा को लेकर दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई बैठक में राहुल गांधी ने कड़ा रुख अपनाते हुए यहां तक कह दिया कि नेताओं ने अपने हित को पार्टी हित से ऊपर रखा, इसलिए हम हारे।
ये कमेटी पता लगाएगी हार का कारण
हार के कारणों का पता लगाने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई जा रही है, जो हरियाणा में पार्टी नेताओं से चर्चा के बाद अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंपेगी। इसके बाद प्रदेशाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी बदले जा सकते हैं।
सैलजा को मिल सकती है प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी
कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सांसद कुमारी सैलजा को दोबारा से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। चुनावों में जाट कार्ड खेलने वाली कांग्रेस अब दूसरी जातियों को साधने के लिए विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी भी किसी गैर जाट को सौंप सकती है। आफताब अहमद, गीता भुक्कल और बीबी बतरा में किसी को भी विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया जा सकता है।
रघुबीर कादियान बन सकते हैं विपक्ष के नेता
अगर जाट नेता को यह जिम्मेदारी सौंपने की बात आई तो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रघुबीर कादियान दौड़ में आगे हो सकते हैं। पिछली विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा विपक्ष के नेता थे।
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