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कानपुर में 35 करोड़ की ठगी के मामले में फरार चल रहे दंपति ने अपने रिश्तेदार के माध्यम से पुलिस को सफाई पेश की है। दंपति ने सभी आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि उन्होंने कभी भी किसी को कम उम्र होने का आश्वासन नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास इजरायल से कोई मशीन नहीं है।

कानपुर। लोगों को इजरायल से मंगाई मशीन में बिठाकर जवान बनाने वाले ठग दंपती अंडर ग्राउंड हैं। पुलिस उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है। दंपती के खिलाफ किदवई नगर थाने में रेनू सिंह चंदेल की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है।

ऐसे में अब ठग दंपती की ओर से रिश्तेदार के माध्यम से सफाई पेश की गई है। पुलिस को छह पेज की भेजी गई इस सफाईनामे में दंपती की ओर से हर आरोप से इन्कार किया गया है। दंपती की ओर से उनके रिश्तेदार उत्कर्ष पांडेय परदेवनपुर लालबंगला की ओर से यह पत्र पुलिस को जरिए डाक भेजा गया है

आइये आपको भी इस पत्र के मजमून से रूबरू कराते हैं।

पत्र के मुताबिक मुकदमे की वादिनी ने प्रार्थी के रिश्तेदार पर आरोप लगाया गया कि शहर में विज्ञापन द्वारा प्रचार प्रसार करके और वीडियों दिखाकर लोगों को प्रोत्साहित किया। उक्त वीडियों में दिखाया कि इजरायल के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी रिसर्च की जिसमें 64 वर्ष से अधिक 35 लोगों को एक प्रेसराइज चैम्बर में हफ्तें में पांच दिन शुद्ध ऑक्सीजन दी जाती थी।

तीन माह बाद उसके रिजल्ट चौकाने वाले आए कि उन लोगों की उम्र 25 वर्ष हो गई। इस आरोप की सफाई में कहा गया कि न तो प्रचार प्रसार के माध्यम से न ही किसी वीडियो के माध्यम से कभी भी किसी को कम उम्र होने का आश्वासन दिया न ही प्रार्थी के रिश्तेदार ने कभी आवेदिका को इस तरह का कोई प्रचार सामग्री भेजकर कम उम्र करने का कोई विज्ञापन करने के लिए कहा।

आरोपी दंपति ने सभी आरोपों को बताया निराधार

आरोप हैं कि मनुष्य के क्रोमोसोम्स को लेकर ठग दंपती की ओर से रिसर्च के आधार पर यह थेरेपी देने की बात कही गई। इसका विरोध करते हुए कहा गया कि आवेदिका द्वारा कहे गए आरोप झूठे और निराधार हैं कुछ समय पूर्व राष्ट्रीय समाचार चैनल के एक प्रोग्राम में चलायी गयी खबर को मात्र लिपिबद्ध किया गया है। प्रार्थी के रिश्तेदार के पास इस तरह की कोई रिसर्च उपलब्ध नहीं है।

आरोप हैं कि प्रार्थी के रिश्तेदार ने इजरायल से 25 करोड़ रूपये में एक मशीन खरीदी है जिसमें एक सिटिंग में 10 लोगों के बैठने की जगह है। इस संबंध में कहना है कि प्रार्थी के रिश्तेदार ने न तो कभी आवेदिका से अथवा किसी अन्य व्यक्ति से इस तरह के किसी भी प्रकार की मशीन इजरायल से खरीदने की बात नहीं कही है।

आवेदिका ने आरोप लगाया है कि प्रार्थी के रिश्तेदार ने उसको बताया है कि उसके पास दो स्कीम है पहली स्कीम 6 हजार रूपये में 10 ऑक्सीजन बार, एक एच वाट व एक हाईड्रा एवं स्कीम की कीमत 90 हजार रूपये जिसमें 10 ऑक्सीजन बार, 60 एच वाट व तीन हाईड्रा देंगे।

आरोपी बोले- चलाते थे ऑक्सीजन थेरेपी सेंटर

इस मामले में प्रार्थी के रिश्तेदार को बताना है कि प्रार्थी के रिश्तेदार एक ऑक्सीजन थेरेपी का सेन्टर चला रहा था जिसमें ग्राहको के लिए मेंबरशिप के लिए अलग-अलग स्कीमें थीं जो एक बिजनेस स्ट्रेटेजी से अधिक कुछ भी नहीं थी जो कोई भी व्यापारी अपने व्यापार के हानि लाभ के लिए करता है।

यह कि आवेदिका द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि प्रार्थी के रिश्तेदार ने उससे कहा कि यह स्कीम 90 हजार की है। एक वर्ष बाद यह 3 लाख की हो जाएगी। इस संबंध में प्रार्थी के रिश्तेदार ने आवेदिका से इस तरह की कोई भी चर्चा नहीं की और न ही आवेदिका को कभी इस तरह का कोई आश्वासन दिया।

आवेदिका ने यह आरोप लगाया है कि प्रार्थी के रिश्तेदार ने एक चैन सिस्टम बनाया जो लोग छह हजार की स्कीम देगें उसमें पहले व्यक्ति को 10 प्रतिशत उसके नीचे पांच प्रतिशत, चार प्रतिशत, तीन प्रतिशत, दो प्रतिशत व एक प्रतिशत रिवार्ड के लिए रखा।

यही नहीं जो लोग 50 आईडी एक साथ देगें उसे एक गिफ्ट हैम्पर दिया जाएगा। इस संबंध में बताना है कि आवेदिका प्रार्थी के रिश्तेदार के पास स्वयं आयी थी और उन्होंने प्रार्थी के रिश्तेदार से व्यावसायिक संबंध बनाने का प्रस्ताव रखा और प्रार्थी के रिश्तेदार से कहा कि मेरा बड़े- बड़े लोगों में अच्छा संपर्क है। हम तुमको तुम्हारे जिम व थेरेपी के लिए ग्राहक लाकर देगें जिसके बदले में प्रत्येक ग्राहक पर वह कमीशन लेंगी एवं ग्राहकों के द्वारा जो ग्राहक आगे आएंगे उन ग्राहको का भी आवेदिका प्रार्थी के रिश्तेदार से कमीशन लेगी। अपने व्यवसाय की सफलता की अभिलाषा में प्रार्थी के रिश्तेदार ने आवेदिका की शर्त पर सहमति जताई थी।

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