उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के उत्तरी सालौर गांव में तालाब में मगरमच्छ दिखने से ग्रामीणों में खौफ है। गांव के बच्चे कई दिन से तालाब में मगरमच्छ दिखने की बात कर रहे थे। ग्रामीणों ने मगरमच्छ की फोटो और वीडियोग्राफी भी की। ग्रामीण बच्चों को स्कूल और मंदिर भेजने से कतरा रहे हैं और मगरमच्छ को जल्द पकड़ने की मांग कर रहे हैं।
मेरठ। उत्तरी सालौर के तालाब में मगरमच्छ दिखने से गांव में हड़कंप मचा हुआ है। खौफजदा ग्रामीण बच्चों को स्कूल और मंदिर भेजने से भी कतरा रहे हैं। वे मगरमच्छ को जल्द पकड़वाने की जुगत में हैं।
किठौर के उत्तरी सालौर गांव के मुहाने पर तालाब है, जिसमें गांव की निकासी का पानी जाता है। तालाब की पूरब दिशा में गांव का मुख्य मार्ग और प्राइमरी स्कूल पश्चिम में मंदिर और दक्षिण में कोठरा-आसिफाबाद मार्ग व जूनियर हाईस्कूल है।
बताया गया कि गांव के बच्चे कई दिन से तालाब में दो मगरमच्छ दिखने की बात कर रहे थे, जिसका लोगों को यकीन नहीं हो रहा था। बुधवार को ग्रामीण सुरेंद्र और महाराज सिंह जंगल से घर लौट रहे थे। जब वे तालाब के पास पहुंचे तो नजर तालाब में कूड़े के ढेर पर बैठे मगरमच्छ पर पड़ी।
उन्होंने ग्रामीणों को सूचना दी। तालाब में मगरमच्छ देखने के लिए भीड़ एकत्र हो गई। इस दौरान कई ग्रामीणों ने मगरमच्छ की फोटो और वीडियोग्राफी भी की।
तालाब में मगरमच्छ दिखने से ग्रामीणों में खौफ है। उनका कहना है कि गांव के दोनों स्कूल और मंदिर तालाब से सटे हैं। ऐसे में छोटे बच्चों को मंदिर या स्कूल भेजना बेहतर नहीं।
ग्रामीणों सीताराम, कंवरपाल, देवेंद्र, अशोक, बोबी, आजाद सिंह, भीकम आदि का कहना है कि जब तक मगरमच्छ नही पकड़ा जाएगा ग्रामीण बच्चों को न मंदिर भेजेंगे न स्कूल।
इस बाबत रेंजर हरज्ञान सिंह से बात करने का प्रयास किया तो फोन रिसीव नहीं हुआ। डिप्टी रेंजर आकाश कुमार का कहना है कि बस्ती के मुहाने पर मगरमच्छ का होना खतरनाक साबित हो सकता है। जल्द ही रेस्क्यू कर इसे पकड़कर गंगा में छोड़ा जाएगा।
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