महादेव के शहर वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शनिवार शाम तक 8 घंटे में ही 80 सेमी पानी बढ़ गया। गंगा के किनारे सभी घाट और मंदिर डूब चुके हैं। हरिश्चंद्र घाट की गलियों और मणिकर्णिका घाट की छत पर शवदाह किया जा रहा है। प्रशासन ने बाढ़ को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
वाराणसी। पश्चिमी क्षेत्र व पहाड़ों पर हो रही लगातार वर्षा के चलते गंगा के जलस्तर में जारी उफान और तेज हो चला है। शनिवार की शाम चार बजे तक आठ घंटे में ही 80 सेमी पानी बढ़ गया था। सुबह आठ बजे 68.34 मीटर रहा गंगाजल, शाम चार बजे 69.14 मीटर पर पहुंच गया था।
महज तीन दिनों चार मीटर से अधिक बढ़ चुका पानी गंगा तट के सभी घाटों व घाट किनारे मंदिरों को एक बार फिर डुबा चुका है। असि स्थित सुबह-ए-बनारस के मंच तक पानी लहरा रहा है तो हरिश्चंद्र घाट की गलियों व मणिकर्णिका घाट की छत पर शवदाह शुरू हो गया है। आरती स्थल बदल दिए गए हैं। असि घाट की गली में तो दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की छत पर आरती शुरू कर दी गई है।
गंगा के जलस्तर में छठीं बार उफान आरंभ हुआ है। गंगा के जलस्तर में पिछले सप्ताह से गिरावट आरंभ हुई थी। घटते-घटते यह मंगलवार की सुबह आठ बजे तक 64.69 मीटर तक पहुंच गया था। इसके बाद घटाव रुक गया और फिर इसमें स्थिरता देखी गई
बुधवार की सुबह 24 घंटे में इसमें पांच सेंटीमीटर की वृद्धि देखी गई और यह पहुंचा 64.74 मीटर पर पहुंच कर एक सेमी प्रति घंटा बढ़ने लगा था। शाम के बाद गंगा के जलस्तर में तेेजी से वृद्धि आंरभ हुई और गुरुवार की सुबह आठ बजे तक 24 घंटे में पानी 34 सेंटीमीटर बढ़कर 65.08 मीटर पर पहुंच गया था। वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर व खतरा बिंदु 71.262 मीटर है
जल पुलिस और एनडीआरएफ कर रही निगरानी
गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही जल पुलिस और एनडीआरएफ सतर्क हो गई है। बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। सुरक्षा टीमें निगरानी करने लगी है। घाटों पर आने वाले और स्नान करने वाले लोगों को उद्घोषणा कर सतर्क किया जा रहा है। गंगा का जलस्तर बनने के साथ ही गंगा का बहाव भी तेज हो गया है।
ढाब क्षेत्र में गंगा व सोता के बढ़ाव से सहमे लोग
एक बार पुनः गंगा नदी में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए विकास खंड चिरईगांव के गंगा व सोता के तटवर्ती गांव सिंहवार, बभनपुरा, चांदपुर, मुस्तफाबाद, छितौना, छितौनी, मिश्रपुरा, सरसौल, गंगापुर, देवरिया सहित ढाब क्षेत्र के मोकलपुर, गोबरहां, रामचंदीपुर और मुस्तफाबाद रेता, रामपुर के लोग सहमे हैं। पानी का बढ़ाव इस बार हर बार से तेज होने से जल्द ही चेतावनी बिंदु पार कर जाने की संभावना जताई जा रही है।
प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी
गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि को देखते हुए प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। प्रशासन ने परामर्श दिया है कि-
बाढ़ से पूर्व की तैयारी
- ऊंचे स्थानों की पहचान करें। जरूरी कागजात (राशन कार्ड, आधार कार्ड आदि) को वाटरप्रूफ बैग में सुरक्षित रखें।
- आवश्यक खाद्य सामग्री जैसे बिस्किट, गुड़, चूड़ा आदि एकत्र करें। प्राथमिक चिकित्सा किट में ओआरएस और दवाइयां रखें।
- सूखा अनाज और पशुओं का चारा ऊंचे स्थान पर सुरक्षित रखें।
- मोबाइल चार्जर, टार्च, माचिस, तिरपाल जैसी आवश्यक वस्तुएं तैयार रखें।
- पशुओं का समय पर टीकाकरण कराएं और जर्जर भवनों में न रहें।
बाढ़ के दौरान बरतें सावधानियां
- गर्भवती महिलाओं, बच्चों, वृद्धों और बीमारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं।
- घर छोड़ने से पहले बिजली का मुख्य स्विच बंद करें।
- बाढ़ में डूबे हैंडपंप का पानी न पीएं, केवल उबला या क्लोरीनयुक्त पानी का ही सेवन करें।
- बिजली के तार और पोल से दूर रहें, पानी की गहराई की जांच किए बिना उसे पार न करें।
- विषैले जानवरों जैसे सांप से सतर्क रहें और सांप काटने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं।
बाढ़ के बाद की सावधानियां
- क्षतिग्रस्त घरों में प्रवेश न करें और क्षतिग्रस्त बिजली के उपकरणों का प्रयोग न करें।
- क्षतिग्रस्त पुलों को पार करने का प्रयास न करें।
- सुरक्षित घोषित होने पर ही बाढ़ प्रभावित हैंडपंप का पानी उपयोग करें।
- मलेरिया से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- मरे हुए पशुओं और मलबों को जमीन में दबाएं।
- बाढ़ संबंधी किसी भी समस्या के लिए हेल्पलाइन नंबर 0542-2508550, 0542-2504170, और 91400371374 पर संपर्क करें।
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