मेरठ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आंगनबाड़ी केंद्रों में ईसीसीई एजुकेटर के पद पर नियुक्ति का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह पद आउटसोर्सिंग कंपनी के द्वारा रखा जा रहा है जो आईसीडीएस का निजीकरण है। कार्यकर्ताओं ने नियुक्ति के शासनादेश पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने तत्काल रोक लगाने के संबंध में एक ज्ञापन भी साैंपा है।
मेरठ। आंगनबाड़ी वर्कर्स हेल्पर्स एसोसिएशन के बैनर तले जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आईं सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को आंगनबाड़ी केंद्रों में ईसीसीई एजुकेटर के पद पर नियुक्ति का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन कर नियुक्ति के शासनादेश पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।
प्रदेश अध्यक्ष सायमा जमीर के नेतृत्व में सैकड़ों आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मंगलवार दोपहर में कलक्ट्रेट पहुंची। उन्होंने अपनी मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
आंगनबाड़ी कर रही है काम
आंगनबाड़ियों का कहना था कि प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड के माध्यम से मेरठ समेत प्रत्येक जिले में 3 से लेकर 6 साल तथा 5 से 6 साल के बच्चों को नैतिक, मानसिक व सामाजिक एकेडमी विकास के लिए ईसीसीई एजुकेटर की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया की जा रही है, जिसकी संविदा 11 माह व मानदेय 10,313 रुपए प्रतिमाह है। उसकी योग्यता स्नातक परीक्षा गृह विज्ञान विषय से 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण रखी गई है।
सरकार की गलत नीति
उनका कहना था कि कार्यकर्ताओं का मुख्य कार्य ही बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देना व उनका समग्र विकास करना है। साथ ही आईसीडीएस के मूल 6 उद्देश्यों को भी पूरा कर रही हैं। ऐसे में एजुकेटर पद पर आउटसोर्सिंग कंपनी के द्वारा रखकर आईसीडीएस का निजीकरण करना सरकार की गलत नीति है। इसका डटकर विरोध
प्रदर्शन में यह रहीं शामिल
प्रदर्शन के बाद प्रदेश अध्यक्ष सायमा जमीर के नेतृत्व में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम रश्मि कुमारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने वालों में रीता, अनुराधा, राजेश, सीमा, संगीता, सुषमा व सविता समेत अन्य कार्यकर्ता शामिल रहीं।
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