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सरकारी राजस्व का चपत लगाया है। उनका धंधा बिहार उत्तर प्रदेश दिल्ली के अलावा देश के कई राज्यों में फैला है। एटीएस के साथ ही गोरखपुर पुलिस इस मामले से जुड़े सभी पहलुओं की पड़ताल कर रही है।

गोरखपुर। फर्जी स्टाम्प छापने वाले सिवान (बिहार)के कमरुद्दीन व उसके बेटे नवाब आरजू अभी पिछले 38 वर्ष में 100 करोड़ से अधिक के सरकारी राजस्व का चपत लगा चुके हैं। फर्जी स्टाम्प के अलावा टिकट छापकर बेचने का उनका धंधा बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली के अलावा देश के कई राज्यों में फैला है। एटीएस के साथ ही गाेरखपुर पुलिस इस मामले से जुड़े सभी पहलुओं की पड़ताल कर रही है।

पांच अप्रैल 2024 को पकड़े गए कमरुद्दीन से पूछताछ में पता चला था कि वर्ष 1986 से वह फर्जी स्टाम्प छाप रहा है। इससे पहले वह जाली नोट छापने के मामले में पकड़ा गया था, 1992, 2014 में भी वह जेल गया।

कैंट थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद गोरखपुर पुलिस ने उसे फर्जी स्टाम्प के साथ पकड़ा तो पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। छानबीन में पता चला कि वर्ष 2014 से उसके धंधे को बेटा नवाब आरजू और भांजे साहबजादे हैंडल कर रहे हैं।

उन्होंने अपना नेटवर्क पश्चिमी बिहार, उत्तर प्रदेश के अलााव दिल्ली व राजस्थान तक फैला दिया जिससे कई स्टाम्प विक्रेता जुड़े हैं, जो भारी मुनाफा कमा रहे थे। इस गैंग के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़े होने के संदेह की भी गहनता से एटीएस व अन्य एजेंसी जांच कर रही हैं।

रविवार को पकड़े गए नवाब आरजू के कब्जे से मिली गाड़ी उसकी पत्नी शमा परवीन के नाम से है। चर्चा है कि इसी गाड़ी से वह फर्जी स्टाम्प गिरोह से जुड़े सदस्यों तक पहुंचता था।

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