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12वीं बोर्ड परीक्षाफल में 9वीं से 11वीं तक के अंक भी शामिल करने का NCERT का सुझाव, जानें किस क्लास का कितना वेटेज

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के NCERT PARAKH की ताजा रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है कि बोर्ड 12वीं परीक्षाओं के आधार पर अंतिम परीक्षाफल तैयार करने में अब 9वीं से 11वीं तक के अंकों को भी शामिल किया जा सकता है। इसमें 12वीं के अंकों को 40 फीसदी 11वीं को 25 फीसदी 10वीं को 20 फीसदी और 9वीं के प्राप्तांकों को 15 फीसदी वेटेज दिया जा सकता है।

 केंद्रीय बोर्डों (CBSE, CISCE, NIOS, आदि) के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के बोर्ड से कक्षा 12 (सीनियर सेकेंडरी / हायर सेकेंडरी / इंटरमीडिएट / जमा दो / HSSC / HSSLC) के करोड़ों छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी खबर। बारहवीं में उत्तीर्ण घोषित किए जाने के लिए सम्बन्धित बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली बोर्ड 12वीं परीक्षाओं के आधार पर अंतिम परीक्षाफल तैयार करने में अब 9वीं से 11वीं तक के अंकों को भी शामिल किया जा सकता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के परख (PARAKH - Performance Assessment, Review and Analysis of Knowledge for Holistic Development) की हाल ही में प्रकाशित ताजा रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है।

किस क्लास का कितना वेटेज?

NCERT PARAKH की ‘Establishing Equivalence across Education Boards’ के नाम से प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक कक्षा 12 के परीक्षाफल तैयार करने में 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के अंतर्गत सैद्धांतिक और प्रायोगिक परीक्षाओं के अंकों को 40 फीसदी तक वेटेज दिया जा सकता है। वहीं, कक्षा 11 के प्राप्तांकों को 25 फीसदी, कक्षा 10 के अंकों को 20 फीसदी और कक्षा 9 के प्राप्तांकों को 15 फीसदी वेटेज दिया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त PARAKH की रिपोर्ट में कहा गया है कि कक्षा 9 से कक्षा 12 तक अपनाए जाने वाले मूल्यांकन योजना में रचनात्मक और योगात्मक।को शामिल किया जा सकता है। इस क्रम में कक्षा 9 में, 70 प्रतिशत मार्किंग रचनात्मक मूल्यांकन पर और 30 प्रतिशत योगात्मक मूल्यांकन पर आधारित होना चाहिए।

इसी प्रकार, कक्षा 10 में, रचनात्मक और योगात्मक मूल्यांकन को 50-50 प्रतिशत का समान महत्व दिया जा सकता है। कक्षा 11 में 40 प्रतिशत रचनात्मक और 60 प्रतिशत योगात्मक मूल्यांकन शामिल होंगे, जबकि कक्षा 12 का मूल्यांकन 30 प्रतिशत रचनात्मक और 70 प्रतिशत योगात्मक मूल्यांकन पर आधारित होगा।

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