लुधियाना के जगराओं शहर में आज सवेरे एक बड़ा हादसा हो गया। यहां एक स्कूल बस साइंस कॉलेज के पास एक पेड़ से टकरा गई। इस हादसे में एक छह साल के बच्चे की मौत हो गई जबकि पांच अन्य छात्र घायल हो गए। घायल बच्चों को इलाज के लिए जगराओं के प्राइवेट कल्याणी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
जगराओं:-पंजाब के लुधियाना के अंतर्गत जगराओं में एक हादसा हो गया। मंगलवार सुबह 7:30 बजे करीब रायकोट साइड से जगराओं आ रही जगराओं के एक प्राइवेट स्कूल की वैन साइंस कॉलेज के नजदीक बेकाबू होकर वृक्ष से जा टकराई। इस हादसे में 6 वर्ष के बच्चे की बस के नीचे आने से मौत हो गई, जबकि पांच बच्चे घायल हो गए।
घायलों का अस्पताल में चल रहा इलाज
सभी घायल छात्रों को जगराओं के प्राइवेट कल्याणी अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल करवाया गया है। मौके से प्राप्त जानकारी के अनुसार जगराओं के एक प्राइवेट स्कूल की वैन गांव अखाड़ा डला आदि गांवों से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को लेकर स्कूल के लिए आ रही थी।
साइंस कॉलेज के नजदीक बस बेकाबू होकर पहले कंडक्टर साइड वृक्ष में लगी और वहां से ड्राइवर ने जब तेजी से बस को कट मारा तो बस सामने साइड वृक्ष के साथ ड्राइवर साइड जा टकराई।
छह साल के बच्चे की हादसे में मौत
इसी दौरान जब ड्राइवर ने बस को एक दम तेज कट मारा तो बस में आगे की सीटों पर बैठा हुआ 6 वर्ष का बच्चा गुरमन सिंह पुत्र सतनाम सिंह गांव अखाडा जो की स्कूल में पहली कक्षा का छात्र था। वह बस से नीचे गिर गया और इस बस के नीचे आकर उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
इस हादसे में आकाशदीप कौर कक्षा प्लस टू, अर्शदीप कौर कक्षा दसवीं ,गुरु साहिब सिंह कक्षा पहली सभी निवासी गांव डला और सुखमण सिंह कक्षा 5वी तथा गुरलीन कौर कक्षा चौथी गांव अखाड़ा घायल हो गए । जिन्हें उपचार के लिए प्राइवेट अस्पताल में दाखिल कराया गया।
गांव निवासियों ने लगाया धरना
स्कूल वैन के इस तरह हादसा ग्रस्त हो जाने से खबर मिलने पर पूरे इलाके में हड़कंप को मच गया और बच्चों के परिजन तेजी से घटनास्थल पर पहुंचने शुरू हो गए।
लेकिन घटना के 2 घंटे बीत जाने पर भी कोई भी उच्च पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी या स्कूल प्रबंधक नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने वहीं घटना स्थल पर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
इस दर्दनाक घटना से भले ही पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया लेकिन कोई भी स्थानीय राजनीतिक पार्टी का नेता भी वहां पर हमदर्दी के दो बोल बोलने के लिए नहीं पहुंचा।
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