बिरसा मुंडा के वंशज मंगल मुंडा का आज सुबह रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिसमें उनके सिर पर गंभीर चोटें आई थीं। डॉक्टरों ने शुरुआत से ही उनकी हालत को नाजुक बताया था। मंगल मुंडा के परिवार ने इलाज में देरी का आरोप लगाया था।
रांची। धरती आबा बिरसा मुंडा के वंशज और परपोते मंगल मुंडा का शुक्रवार की सुबह रिम्स में निधन हो गया। वे 45 साल के थे। वे सोमवार की शाम खूंटी तमाड़ रोड पर सायको थाना के अंतर्गत रूताडीह गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे।
वे टाटा मैजिक वाहन की छत पर सवार होकर अपने गांव उलिहातू जा रहे थे कि इसी बीच वाहन की पत्ती टूट गई और वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। इस क्रम में गिरने से मंगल को काफी गंभीर चोट आई थी। उन्हें खूंटी में प्राथमिक उपचार के बार रांची रिम्स रेफर कर दिया गया था। बीते बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने मुलाकात की थी।
10 घंटे बाद शुरू हुआ था इलाज
हालांकि, यहां 10 घंटे बाद इलाज शुरू हुआ। सीएम हेमंत सोरेन को जानकारी मिली तो वे तत्काल रिम्स पहुंचे और बेहतर इलाज का निर्देश दिया। शपथ लेने से पहले भी उन्होंने रिम्स के निदेशक को बेहतर इलाज की बात कही और कहा कि जरूरत पड़ने पर दिल्ली भी भेज सकते हैं, लेकिन इसकी नौबत ही नहीं आई और शुक्रवार को मंगल ने अंतिम सांस ली।रिम्स में उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी
उनका इलाज न्यूरो सर्जरी विभाग के एचओडी डा आनंद प्रकाश की यूनिट में चल रहा था। यहां डाक्टरों की टीम ने उनकी चार घंटे तक लंबी सर्जरी की। गुरुवार को भी उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी। उनका बीपी नियंत्रित नहीं हो रहा था। उन्हें वेंटिलेंटर पर क्रिटिकल विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया था। लेकिन अथक प्रयास के बाद भी डाक्टरों की टीम उन्हें बचा नहीं सकी।
बता दें कि वे धरती आबा के वंशज थे। बिरसा मुंडा ने 1895 से लेकर 1900 तक अंग्रेजों के खिलाफ निर्णायक युद्ध लड़ा था। नौ जून 1900 को रांची जेल में रहस्यमय ढंग से उनका निधन हो गया था। उनकी जयंती 15 नवंबर 2000 को ही झारखंड नया राज्य बना।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
मंगल मुंडा के निधन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गहरा शोक जताया है। अपने एक्स हैंडल पर लिखा है, रिम्स में इलाजरत भगवान बिरसा मुंडा के वंशज श्री मंगल मुंडाजी के निधन की खबर से अत्यंत दुखी हूं। मरांग बुरू दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे।
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