जम्मू कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव में पीडीपी की करारी हार हुई थी। पीडीपी का गढ़ कहे जाने वाले बिजबेहड़ा सीट पर भी हार का मुंह देखना पड़ा था। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद पीडीपी का पुनर्गठन बदलाव और संगठनात्मक ढांचा तैयार किया जाएगा। जिसमें इल्तिजा मुफ्ती और वहीद उर रहमान परा समेत अन्य युवा नेताओं की भूमिका बढ़ाई जाएगी।
श्रीनगर। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मुंह की खाने के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अब युवा कंधों के सहारे खड़ा होने की तैयारी में है। प्रदेश में बदले राजनीतिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए संगठनात्मक ढांचा तैयार किया जाएगा
इसमें इल्तिजा मुफ्ती और वहीद उर रहमान परा समेत अन्य युवा नेताओं की भूमिका बढ़ाते हुए पंचायत और नगर निकाय चुनावों के लिए संभावित प्रत्याशियों के चयन के साथ जनपहुंच व सदस्यता अभियान एक साथ चलेगा।
महबूबा की बेटी हार गईं चुनाव
लोकसभा चुनाव में पीडीपी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, जबकि विधानसभा चुनाव में वह मात्र तीन सीटों पर सिमट गई है। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बेशक चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन उनकी बेटी इल्तिजा ने पहली बार चुनाव लड़ा और हार गईं। इल्तिजा को पीडीपी का सबसे मजबूत गढ़ कहे जाने वाले बिजबिहाड़ा में हार का मुंह देखना पड़ा है।
पहली बार इतने बुरे तरीके से हारी है पीडीपी
वर्ष 1999 में अपने गठन के बाद पीडीपी पहली बार चुनावों में इतने बुरे तरीके से हारी है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में हार के बाद गत शुक्रवार को महबूबा ने पार्टी की सभी इकाइयों को भंग करने के साथ ही प्रवक्ता पैनल भी समाप्त कर दिया था।
पीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि महबूबा की अध्यक्षता में गत दिनों एक बैठक हुई थी, जिसमें चुनावों में पार्टी की हार के कारणों पर विस्तार से मंथन हुआ।
संगठन की सभी इकाइयों को भंग किया गया
बैठक में एक बात उभर कर सामने आई कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार का मुख्य कारण वर्ष 2014 में भाजपा के साथ गठजोड़ रहा है। स्थानीय मतदाता इसके लिए पीडीपी से नाराज हैं। इसके अलावा बीते पांच वर्ष में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के पीडीपी से अलग होने से भी उसका वोट बैंक बंटा है।
इसके बावजूद कश्मीर में युवाओं का एक बड़ा वर्ग पीडीपी के साथ नजर आता है और उसी पर ध्यान देते हुए पुराने वफादारों के अनुभव के साथ नई ऊर्जा को लेकर संगठन को फिर से खड़ा किया जाए। बैठक में हुई चर्चा के बाद ही संगठन की सभी इकाइयों को भंग किया गया है।
पार्टी का पुनर्गठन करना चाहती हैं महबूबा
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ पार्टी का पुनर्गठन करना चाहती हैं जो आम लोगों में जाकर काम कर सकें। वह पीडीपी को युवाओं की, युवाओं द्वारा और युवाओं के लिए एक राजनीतिक संगठन के रूप में खड़ा करने के प्रयास में हैं ताकि जम्मू-कश्मीर विशेषकर घाटी में अपने पुराने जनाधार को प्राप्त कर सकें।
पंचायत स्तर तक कार्यकर्ताओं का फीडबैक लेगा पैनल
वरिष्ठ नेता ने बताया कि पीडीपी में नए सिरे से सभी जिला व क्षेत्रीय इकाइयों के गठन के लिए अब्दुल रहमान वीरी, सरताज मदनी, हमीद चौधरी, गुलाम नबी लोन हंजूरा को शामिल कर एक पैनल बनाया गया है। यह पैनल पंचायत स्तर तक पार्टी कार्यकर्ताओं का फीडबैक प्राप्त करेगा।
इसके साथ ही चुनाव के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में पार्टी को मिले वोटों के आधार पर भी स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं की आम लोगों में पकड़ का आकलन किया जाएगा।
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