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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी दौरे पर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में संस्कृत छात्रवृत्ति योजना 2024 की शुरुआत की है। सीएम ने 69195 छात्रों को एक साथ स्कॉलरशिप की धनराशि उनके बैंक खाते में ट्रांसफर करके इस स्कॉलरशिप योजना की शुभारम्भ किया। आपको बता दें कि राज्य सरकार ने इस स्कॉलरशिप को 23 साल बाद पुनः शुरू किया है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार वाराणसी का दौरा किया। इसी दौरान संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने संस्कृत छात्रवृत्ति योजना 2024 की शुरुआत की है। इस दौरान उन्होंने राज्य के 69195 संस्कृत से अध्ययनरत छात्रों के बैंक खाते में छात्रवृत्ति की राशि स्थानांतरित की। उन्होंने एक साथ 586 लाख रुपये की धनराशि छात्रवृत्ति के रूप में छात्रों को ट्रांसफर की है। आपको बता दें कि राज्य सरकार ने इस स्कॉलरशिप को 23 साल बाद पुनः शुरू किया है।

संस्कृत विद्यालयों को पुनर्जीवित करने की योजना

सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्कॉलरशिप की शुरुआत करके आवासीय गुरुकुल शैली के संस्कृत विद्यालयों को पुनर्जीवित करने की योजना की भी घोषणा की मुख्यमंत्री ने इसके बाद संबोधित करते हुए छात्रों से आग्रह किया कि वे विज्ञान और तकनीकी शिक्षा के लिए एक भाषा के रूप में संस्कृत को गंभीरता से लें उन्होंने कहा, "संस्कृत की वकालत करना मानवता की वकालत करने के समान है"

सभा को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने आगे कहा कि, "संस्कृत केवल "देव-वाणी" नहीं है, बल्कि एक वैज्ञानिक भाषा भी है जिसे कंप्यूटर विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे आधुनिक क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है।" उन्होंने इसके संरक्षण और संवर्धन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए इसकी अनूठी विशेषताओं के बारे में बताया जो इसे सरल और तकनीकी रूप से अनुकूलनीय बनाती है।

सीएम ने समझाया छात्रवृत्ति का महत्व

छात्रवृत्ति योजना के महत्व को समझाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले केवल 300 संस्कृत छात्र छात्रवृत्ति के लिए पात्र थे लेकिन आयु सीमा में छूट और नई पहल के लक्ष्य से अब राज्य भर में 69195 छात्रों को ₹586 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई।

गुरुकुल को अन्य सहायता देने की घोषणा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए राज्य भर के गुरुकुल संस्थानों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी। जिसमें छात्रों के लिए मुफ्त आवास और भोजन की व्यवस्था करने वाले संस्थानों को विशेष सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि इन सभी संस्थानों को योग्य आचार्यों (संस्कृत टीचर्स) की भर्ती करने की भी स्वतंत्रता होगी।