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जम्मू-कश्मीर के भारत विलय दिवस के उपलक्ष्य पर भाजपा के संगठन महामंत्री अशोक कौल ने कहा कि वर्ष 1947 से पहले के जम्मू कश्मीर को एकीकृत करने का लक्ष्य जल्द ही पूरा होगा। गुलाम कश्मीर के लोग भी अब पाकिस्तान से आजाद होने के लिए आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने महाराजा हरि सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने सूझबूझ औार दूरदर्शिता के साथ लिया था।

श्रीनगर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री अशोक कौल ने शनिवार को कहा कि गुलाम जम्मू कश्मीर का जल्द ही भारतीय कश्मीर के साथ एकीकरण होगा। उन्होंने कहा कि गुलाम जम्मू-कश्मीर के भारत विलय के लिए संसद में पारित प्रस्ताव को केंद्र सरकार पूरा करेगी

प्रदेश भाजपा मुख्यालय में जम्मू-कश्मीर के भारत विलय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह के दौरान पत्रकारों से बातचीत में अशोक कौल ने कहा कि एलओसी के पार जो जम्मू-कश्मीर है, जिसे पाकिस्तान ने अपना गुलाम बना रखा है, वहां लोग अब पाकिस्तान से आजाद होने के लिए आवाज उठा रहे हैं। वहां के लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कई बार मदद का आग्रह कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 से पहले के जम्मू कश्मीर को एकीकृत करने का लक्ष्य जल्द ही पूरा होगा।

'महाराजा हरि सिंह ने सूझबूझ से लिया था निर्णय'

कौल ने कहा कि महाराजा हरि सिंह ने भारत के साथ जम्मू-कश्मीर के विलय का निर्णय पूरी सूझबूझ औार दूरदर्शिता के साथ लिया था। यह एक ऐतिहासिक समझौता है, लेकिन अनुच्छेद 370 और 35 ए के कारण इस समझौते को पूरी तरह लागू नहीं किया जा रहा था। अब यहां एक ही संविधान है। जम्मू कश्मीर के मौजूदा मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और जम्मू कश्मीर विधानसभा के सदस्यों ने पहली बार भारतीय संविधान के तहत शपथ ग्रहण की है।

विलय दिवस पर कही ये बाद

भाजपा के संगठन महामंत्री ने कहा कि विलय दिवस हमें आजादी के बाद से जम्मू- कश्मीर में आए बदलाव का याद दिलाता है। आज पूरे प्रदेश में अवकाश है। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें पाकिस्तान द्वारा कबाइलियों के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर पर किए गए हमले, जम्मू कश्मीर में लूटमार ,जम्मू कश्मीर में लोगों के कत्ल की तरफ दिलाता है।

'...तो कश्मीर आज पाकिस्तान में होता'

उन्होंने कहा कि अगर महाराजा हरि सिंह उस समय विलय का फैसला नही लेते तो जम्मू कश्मीर आज पाकिस्तान का एक उपनिवेश होता। जम्मू कश्मीर की जनता के पास कोई मौलिक और संवैधानिक अधिकार नहीं होता बल्कि वह गुलाम नागरिकों की तरह जिंदगी बसर कर रहे होते।

जम्मू कश्मीर का वह हिस्सा जो पाकिस्तान ने 1947 में हथिया लिया था, आज पाकिस्तान का एक उपनिवेश ही है और वहां लोग पाकिस्तान से आजादी की मांग करते हुए, 1947 से पहले के जम्मू कश्मीर के एकीकरण के जरिए भारतीय मुख्यधारा का हिस्सा बनने की बात कर रहे हैं।