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गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरी के विवादित बयान के बाद तनाव खत्म होता नहीं दिख रहा है। हिंदू संगठनों ने रविवार को डासना देवी मंदिर पर महापंचायत का आयोजन किया लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी। पुलिस ने मंदिर जाने वाले रास्तों पर बेरिकेडिंग कर लोगों को महापंचायत में नहीं जाने दिया। इस बीच लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर हाईवे पर धरने पर बैठ गए।

गाजियाबाद। डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरी के विवादित बयान के बाद तनाव का माहौल है। इस बीच, हिंदूवादी संगठनों द्वारा आज रविवार को महापंचायत का आयोजन किया गया।

पुलिस की ओर से महापंचायत की अनुमति नहीं दी गई। कार्यक्रम को लेकर मंदिर के आसपास सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए। डासना देवी मंदिर पर भीड़ जुटने से रोकने के लिए पुलिस ने रास्ते में ही काफी लोगों को रोक लिया।

इसे लेकर डासना देवी मंदिर प्रबंधन प्रवक्ता डॉक्टर उदिता त्यागी का कहना है कि सुबह चार बजे से पुलिस किसी को मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं करने दे रही है। सुबह से मंदिर आने वालों को मुख्य द्वार से ही वापस लौटाया जा रहा है। उनका आरोप है कि मंदिर आए दो सन्यासियों को पुलिस उठाकर ले गयी है।

एनएच-नौ पर थम गई वाहनों की रफ्तार

वहीं, डासना देवी मंदिर जाने से रोकने पर नाराज लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर हाईवे पर ही धरने पर बैठ गए। इससे एनएच-नौ पर वाहनों की रफ्तार थम गई। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि पंचायत संपन्न हो गयी है। सरकार से मंदिर पर हमला करने वालों की गिरफ्तारी की मांग और मंदिर की सुरक्षा की मांग तय की गई है।

बता दें कि भीड़ जुटने से रोकने के लिए पुलिस ने डासना देवी मंदिर जाने वाले रास्तों पर बेरिकेडिंग कर दी। किसी को भी मंदिर की तरफ जाने नहीं दिया। मंदिर में कैंप करने जा रहे डॉक्टर बीपी त्यागी को पुलिस ने वापस भेज दिया। बीपी त्यागी का कहना है कि वह मंदिर में स्वास्थ्य कैंप लगाने जा रहे थे।

विधायक ने महापंचायत को लेकर बयान जारी किया

इससे पहले शनिवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने महापंचायत को लेकर शनिवार को अपना बयान जारी करते हुए कहा कि डासना मंदिर पर ऊपर हुए हमला होना बहुत ही गलत है। मंदिर की समिति व साधु-संतों के आह्वान पर महापंचायत बुलाई गई है। उसमें मुझे भी बुलाया गया है। इसमें लोनी, गाजियाबाद समेत आसपास के जिलों के लोगों में आक्रोश है।

महंत के बयान पर एफआइआर दर्ज होने के बाद भी अति प्राचीन मंदिर पर हमला करना गलत है। लोग डीएम के यहां ज्ञापन करने गए थे उनके खिलाफ ही एफआईआर दर्ज की गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री इसको लेकर गंभीर हैं। सरकार को बदनाम करने के लिए एक अधिकारी लगातार प्रयास कर रहा है।

 

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