हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर है। प्रदेश में पदोन्नति की मांग करने वाले कर्मचारियों को अब लिखित परीक्षा पास करनी होगी। मुख्य सचिव कार्यालय ने पदोन्नति के लिए लिखित परीक्षा का फ्रेमवर्क तैयार भी कर लिया है। आगामी 16 अक्टूबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होगी जिसमें फ्रेमवर्क को मंजूरी दी जा सकती है।
चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के जरूरी खबर है। अब प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति के लिए लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
मुख्य सचिव कार्यालय के मानव संसाधन विभाग की ओर से पदोन्नति के लिए लिखित परीक्षा का पूरा फ्रेम वर्क तैयार कर लिया गया है। मुख्य सचिव के साथ बैठक बाद फ्रेम वर्क को मंजूरी मिलेगी।
16 अक्टूबर को मुख्य सचिव की में होगी बैठक
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 16 अक्टूबर को बैठक होगी, जिसमें फ्रेम वर्क को मंजूरी दी जाएगी। सरकारी महकमों में ग्रुप-ए, बी और सी के पदों पर पदोन्नति के लिए लिखित परीक्षा की प्रक्रिया को पूरा करना होगा।
मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से विभागीय पदोन्नति और प्रशासनिक कार्यों के त्वरित निपटान को लेकर लिखित परीक्षा का मसौदा तैयार किया गया है। मसौदे को तैयार करने के बाद कर्मचारियों से बाकायदा लिखित रूप में टिप्पणियां मांगी गई हैं।
फ्रेम वर्क को लागू को दी जाए
दरअसल, विभागीय श्रेणियों में पदोन्नति पाने के इच्छुक कर्मचारियों ने बिना किसी शर्त के पदोन्नति में लिखित परीक्षा के फ्रेम वर्क को लागू करने की स्वीकृति दी है। लिहाजा 16 अक्टूबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया जाएगा।
जिसमें विभागीय कर्मचारियों की मौजूदगी में तैयार किए गए फ्रेम वर्क के सभी एजेंडे पर चर्चा की जाएगी। उपस्थित विभागीय कर्मचारियों के अनुमोदन के बाद पदोन्नति में लिखित परीक्षा के फ्रेम वर्क को लागू करने को हरी झंडी दी जाएगी।
- सरकारी महकमों में ग्रुप-ए, बी और सी के पदों पर पदोन्नति के लिए लिखित परीक्षा करनी होगी पास।
- लिखित परीक्षा का फ्रेम वर्क तैयार कर लिया गया है।
- 16 अक्टूबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होगी बैठक।
- मुख्य सचिव के साथ बैठक बाद फ्रेम वर्क को मंजूरी मिलेगी।
प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में शामिल हुए थे 45 हजार अभ्यर्थी
बता दें कि हरियाणा में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए 29 सितंबर को लिखित परीक्षा हुई थी। प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए हुई परीक्षा के लिए अंबाला, करनाल, कुरक्षेत्र और पंचकूला में 160 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।
जिसमें लगभग 45 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। वहीं, दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए करनाल में परीक्षा केंद्र बनाया गया था। प्रशासन ने परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, ताकि किसी भी तरह की कोई समस्या न उत्पन्न हो।
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