आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दरिंदगी के खिलाफ डॉक्टरों के इस्तीफे का सिलसिला जारी है। बुधवार को 175 से ज्यादा सीनियर डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है। ये आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों का समर्थन कर रहे हैं। इसका असर कोलकाता से बाहर अन्य जिलों तक देखा गया है। हालांकी डॉक्टरों का कहना है कि वो मरीजों को सेवाएं देते रहेंगे।
कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में दरिंदगी की शिकार महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टर के समर्थन में सीनियर डॉक्टर भी आ गए हैं। बंगाल में बुधवार को पौने 200 से ज्यादा सीनियर डॉक्टरों ने और त्याग-पत्र दे दिए हैं। सामूहिक त्याग-पत्र देने का असर कोलकाता से बाहर अन्य जिलों तक देखा गया है।
कई डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
मंगलवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 50 सीनियर डॉक्टरों ने त्यागप-पत्र दिए थे। बुधवार को कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 75, नेशनल मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के 35, नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 50, जलपाईगुड़ी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 19 के सीनियर डाक्टरों ने त्याग-पत्र दिए।
- नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 30
- सागरदत्त मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 35
- मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के 30 डॉक्टरों का भी इस्तीफा
मरीजों को सेवाएं प्रदान करते रहेंगे
सीनियर डॉक्टरों ने कहा है कि उन्होंने अपने जूनियरों के आंदोलन को मजबूत करने के लिए यह निर्णय लिया है। हालांकि, त्याग-पत्र देने पर भी वह अस्पताल में मरीजों के पास रहकर उन्हें सेवाएं प्रदान करते रहेंगे। यह प्रतीकात्मक त्याग-पत्र हैं। वहीं, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि हमें किसी भी चिकित्सक की ओर से उनके सामूहिक त्याग-पत्र के संबंध में कोई आधिकारिक संदेश नहीं मिला है। अगर कोई त्याग-पत्र देना चाहता है तो उसे एक निश्चित प्रक्रिया का पालन करना होगा
हालांकि, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं हुईं, क्योंकि किसी भी अस्पताल में कोई भी डॉक्टर अनुपस्थित नहीं था। मालूम हो कि आरजी कर अस्पताल में दरिंदगी की शिकार महिला डॉक्टर के परिवार को न्याय दिलाने व अस्पतालों में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की मांग पर जूनियर डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं।
दुर्गा पूजा पंडालों की परिक्रमा के दौरान जूनियर डॉक्टरों को पुलिस ने रोका
जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को मिनीडोर (छोटे वाहन) पर सवार होकर दुर्गा पूजा पंडालों की परिक्रमा की। इस कार्यक्रम का नाम अभया परिक्रमा दिया गया था। जूनियर डॉक्टरों ने मिनीडोर पर दरिंदगी की शिकार पीड़िता की प्रतीकात्मक तस्वीर भी लगा रखी थी। कोलकाता के चांदनी चौक से जब मिनीडोर को ले जाया जा रहा था, तभी पुलिस ने अनुमति नहीं होने की वजह बताकर इसे रोक दिया। बाद में आंदोलनकारी जबरन मिनीडोर पर सवार होकर धर्मतल्ला की ओर आगे बढ़ गए। दूसरी ओर सात जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन बुधवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। उनके साथ सीनियर डॉक्टर भी 12-12 घंटे अनशन पर बैठे।
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