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गाजियाबाद पुलिस ने डासना देवी मंदिर पर हुए हमले की साजिश का खुलासा किया है। पुलिस को इनपुट मिले हैं कि तीन राजनेताओं ने पद्दे के पीछे से हमले की साजिश रची थी। डासना देवी मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है। पहले यहां पर 25 पुलिसकर्मी तैनात रहते थे अब यहां पर 50 पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं। जानिए पूरी कहानी इस रिपोर्ट में।

गाजियाबाद। डासना देवी मंदिर पर तीन राजनेताओं ने पर्दे के पीछे से हमले की साजिश रची थी। उन्होंने ही लोगों को मंदिर पर हमले के लिए उकसाते हुए मौके पर भेजा था। पुलिस को इस मामले में इनपुट इंटेलिजेंस मिले हैं, पुलिस इस मामले में तीनों के खिलाफ साक्ष्य जुटा रही है, जिससे कि उन पर कड़ी कार्रवाई की जा सके।

डासना देवी मंदिर के बाहर 50 पुलिसकर्मी तैनात

इसके अलावा एनआरसी, सीएए के प्रकरण में जिन 250 लोगों के खिलाफ गाजियाबाद में मुकदमे दर्ज हुए थे, उनकी भी निगरानी शुरू कर दी गयी है। जिससे कि वो लोग माहौल न खराब कर सकें। वहीं, इस वक्त डासना देवी मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है। पहले यहां पर 25 पुलिसकर्मी तैनात रहते थे, अब यहां पर 50 पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं।

पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी से बवाल

डासना देवी मंदिर महंत यति नरसिंहानंद ने 29 सितंबर काके हिंदी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके इस बयान के बाद बवाल मच गया। चार अक्टूबर की रात साढ़े नौ बजे डासना देवी मंदिर पर हमले के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ पहुंच गई थी, वह यति पर कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे।

पुलिस ने पथराव करने वालों को खदेड़ा

पुलिस ने जब उनको रोकने की कोशिश को उन पर पथराव शुरू कर दिया गया। मौके पर भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे पुलिस कमिश्नर अजय मिश्र सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने पथराव करने वाले लोगों को मौके से खदेड़ा। जिस वक्त भीड़ वहां पर पहुंची थी, मंदिर के अंदर यति नरसिंहानंद, भाजपा नेत्री डॉ. उदिता त्यागी, अनिल यादव सहित कई संत और श्रद्धालु मौजूद थे।

विधायक नंद किशोर गुर्जर ने की एनकाउंटर की मांग

भाजपा नेत्री ने दावा किया कि भीड़ ने मंदिर पर भी पथराव कर हमला किया , वे मंदिर में घुसकर महंत सहित अन्य लोगों को मारने की फिराक में थे। पांच अक्टूबर को विधायक नंद किशोर गुर्जर ने देवी मंदिर पर पहुंचकर भीड़ द्वारा मंदिर पर किए गए हमले को सनातन धर्म पर हमला बताया था, उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई करते हुए एक बड़ी घटना को होने से बचा लिया

उन्होंने हमलावरों के एनकाउंटर तक की मांग की है। इस मामले में इंटेलिजेंस इनपुट की मदद से पुलिस अधिकारियों को पता चला है कि चार अक्टूबर की रात को मंदिर के साथ ही महंत व अन्य लोगों पर हमला कर बड़ी वारदात की साजिश रची गई थी । इसमें तीन राजनेताओं का हाथ है, वे पर्दे के पीछे से पूरी प्लानिंग कर चुके थे। पुलिस को शक न हो, इसलिए वे मौके पर नहीं आए थे।

पुलिस ने इन तीनों राजनेताओं की निगरानी बढ़ा दी है, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं। शहर में शांति व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए इंटरनेट मीडिया पर नजर रखी जा रही है।

विवादित पोस्ट करने वालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। मंदिर के आसपास की कालोनियों, सोसायटियों में भी पुलिस की टीम लगातार नजर बनाए हुए है, जिससे कि यदि कोई माहौल खराब करने का प्रयास करे तो उस पर समय रहते कठोर कार्रवाई की जा सके।