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इंजीनियर दीपक राज तुषीर ने विप्रो की नौकरी छोड़कर डेयरी फार्मिंग शुरू की और आज वह 500 गायों के साथ डेयरी फार्मिंग कर रहे हैं। वह दूध के साथ-साथ फ्लेवर्ड दूध दही लस्सी पनीर समेत 14 उत्पाद बनाते हैं और इसे दिल्ली-एनसीआर में सीधा लोगों के घरों तक पहुंचाते हैं। इससे उन्होंने गांव के करीब 250 लोगों को रोजगार दिया है। जानिए उनकी सफलता की कहानी।

दिल्ली। दिल्ली की सीमा से सटे हरियाणा के सोनीपत के जाटी खुर्द गांव के दीपक राज तुषीर ने युवाओं के लिए मिसाल पेश की है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि अगर डेयरी फार्मिंग को आज की टेक्नोलाजी के साथ अपडेट करके किया जाए तो किसान करोड़ों रुपये की कंपनी खड़ी कर सकते हैं।

दीपक न्यूजीलेंड के किसानों के साथ मिलकर अपने गांव में 500 गायों की मॉडर्न डेयरी फार्मिंग कर रहे हैं। वह दूध के साथ-साथ फ्लेवर्ड दूध, दही, लस्सी, पनीर समेत 14 उत्पाद बनाते हैं और इसे दिल्ली-एनसीआर में सीधा लोगों के घरों तक पहुंचाते हैं।

विप्रो कंपनी में थे आईटी मैनेजर

दीपक ने बताया कि वह विप्रो कंपनी में आईटी मैनेजर थे और उत्तरी व पूर्वी भारत के करीब 200 लोगों को मैनेज करते थे। दीपक ने बताया कि वह विप्रो कंपनी में काम तो कर रहे थे, लेकिन वह चाहते थे कि अपने माध्यम से दूसरे लोगों को भी रोजगार दिया जाए।

50 गायों से की थी डेयरी फार्मिंग की शुरुआत

इसी के साथ उन्होंने अपनी नौकरी को छोड़ दिया और अपने उत्तराखंड व जम्मू के दो इंजीनियर दोस्तों के साथ मिलकर वर्ष 2012 में बिंसर फार्म के नाम से डेयरी फार्मिंग शुरू की। 50 गायों से अपनी डेयरी की शुरुआत की और आज करीब 500 गायों के साथ डेयरी फार्मिंग कर वह 250 लोगों को रोजगार दे रहे हैं।

न्यूजीलैंड के दो किसानों के साथ किया कोलैबोरेशन 

दीपक ने बताया कि न्यूजीलैंड में सबसे कम कीमत और इंटरनेशनल स्टैंडर्ड पर विश्व का सबसे उत्तम दूध का उत्पादन होता है। इस लिए उन्होंने न्यूजीलैंड के दो किसानों के साथ कोलैबोरेशन किया। न्यूजीलैंड के किसानों के साथ मिलकर अब वह साइंटिफिक मैनेजमेंट के साथ डेयरी फार्म चलाते हैं।

डेयरी में अच्छे प्रोडक्ट लोगों के घरों तक पहुंचाने के लिए वह क्वालिटी को साइंटिफिक टर्म से मेंटेन करते हैं।दीपक ने बताया कि वहां के किसान यहां पर आकर बताते हैं कि गायों को बीमारियों से कैसे बचाया जाए, अच्छा दूध कैसे पैदा किया जाए, अच्छी टेक्नोलाजी को कैसे लाया जाए।

गांव व आसपास के गांव के लोगों को भी दे रहे रोजगार

दीपक ने बताया कि उनके डेयरी फार्म से 250 लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है।इसमें 10 से 15 कर्मचारी जाटी खुर्द व आसपास के गांवों के रहने वाले हैं। ये लोग फार्मिंग, प्रोसेसिंग, डिलीवरी, डिस्ट्रीब्यूशन में काम कर रहे हैं।इनकी मदद से वह अपने उत्पाद को सीधा उपभोगता तक पहुंचाते हैं।

डेयरी फार्मिंग में करें टेक्नोलाजी का इस्तेमाल

दीपक ने बताया कि पुरानी ट्रेडीशन से डेयरी फार्मिंग करने के तरीकों को छोड़कर मॉडर्न डेयरी फार्मिंग की जाए तो उसमें ज्यादा फायदा है। इससे दूध की लागत कम आएगी और दूध की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। डेयरी फार्मिंग में आज की टेक्नोलाजी का इस्तेमाल करना चाहिए।

उन्होंने बताया कि किसान हाथ से दूध निकालने की बजाय मशीन से दूध निकालना शुरू करें।गायों को अच्छी फीड दें, अच्छा मैनेजमेंट करें और उन्हें खुला वातावरण दें। उन्होंने बताया कि डेयरी फार्मिंग की तीन बेसिक चीजें हैं, ‘ब्रीड, फीड व मैनेजमेंट’। अगर ये तीनों चीजें अच्छे से की जाएं तो मॉडर्न डेयरी फार्मिंग की जा सकती है।

दूध बेचने तक सीमित न रहें किसान

दीपक ने किसानों से अपील करते हुए बताया कि किसान सिर्फ दूध बेचने तक ही सीमित न रहे।वह दूध से बने उत्पाद जैसे, दही, घी,मक्खन बनाकर दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं।अगर किसान इन उत्पाद को बनाते हैं तो जो लोग किसान से दूध खरीद रहे हैं। वही उनसे घी, दही, लस्सी, मक्खन लेने लगेंगे।इससे किसान को दोगुना मुनाफा होगा।

23 करोड़ रुपये का रहा टर्नओवर

दीपक ने बताया कि उन्होंने 40 लाख रुपये की लागत से इस डेयरी की शुरुआत की थी और वर्ष 2023-24 में उनका 23 करोड़ रुपये का टर्नओवर रहा है। दीपक ने किसान से अपील करते हुए कहा कि अगर वह मॉडर्न फार्मिंग करना चाहते हैं तो वह उनके पास आकर देख सकते हैं।

यहां उन्हें पता लगेगा कि मॉडर्न डेयरी फार्मिंग कैसे की जा सकती है। कैसे डेयरी फार्मिंग को लाभदायक बनाया जा सकता है और कैसे इसके स्केल को बढ़ाया जा सकता है।

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