कोलकाता के आरजी कर कांड को लेकर आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार रात अपनी हड़ताल पूर्ण रूप से खत्म कर दी। इसी के साथ उन्होंने चेतावनी दी कि राज्य सरकार ने अगर अगले 24 घंटे के अंदर उनकी 10-सूत्री मांगों को पूरा नहीं किया तो वह आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। मालूम हो कि जूनियर डॉक्टर गत मंगलवार से हड़ताल पर थे।
कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर कांड को लेकर आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार रात अपनी हड़ताल पूर्ण रूप से खत्म कर दी।
कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल से धर्मतल्ला इलाके तक जुलूस निकालने के बाद उन्होंने इसकी घोषणा की, इसी के साथ उन्होंने चेतावनी दी कि राज्य सरकार ने अगर अगले 24 घंटे के अंदर उनकी 10-सूत्री मांगों को पूरा नहीं किया तो वह आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।
उनकी मांगों में दरिंदगी की शिकार महिला डॉक्टर के परिवार को जल्द न्याय, स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को पद से हटाना, सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था व धमकी की संस्कृति खत्म करना तथा अस्पतालों में टास्क फोर्स का गठन इत्यादि शामिल हैं।
जूनियर डॉक्टरों का एक समूह धर्मतल्ला के डोरिना क्रासिंग में दीवाल घड़ी लेकर धरने पर बैठ गया है। मालूम हो कि जूनियर डॉक्टर गत मंगलवार से हड़ताल पर थे। इससे पहले भी उन्होंने लगातार 42 दिनों तक हड़ताल की थी और स्वास्थ्य भवन के सामने 10 दिनों तक धरना दिया था
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ बैठक के बाद वह आंशिक रूप से (केवल आपातकालीन विभाग) काम पर लौटे थे लेकिन सागरदत्त मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों को मरीज के स्वजन द्वारा पीटे जाने की घटना के बाद वह पूर्ण हड़ताल पर चले गए थे।
गुरुवार को सीनियर डॉक्टरों ने उनसे काम पर लौटने का अनुरोध किया, जिसके बाद 10 घंटे तक अपनी जनरल बॉडी की बैठक करने के बाद उन्होंने हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया। धर्मतल्ला में जुलूस पहुंचने के बाद जूनियर डाक्टरों ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों पर उन्हें मारने-पीटने का आरोप लगाया और नारेबाजी की।
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