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गोंडा ट्रेन हादसे के बाद बर्खास्त किए गए कीमैन आसने के समर्थन में कर्मचारी संगठन लामबंद हो गए हैं। उनका आरोप है कि रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की फाइनल जांच रिपोर्ट आने से पहले ही कीमैन पर कार्रवाई कर दी गई है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि कीमैन ने अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाई और रेलवे प्रशासन को समय रहते तकनीकी खामी की जानकारी दी थी।

गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे के कर्मचारी संगठन बर्खास्त कीमैन आसने के पक्ष में लामबंद हो गए हैं। पदाधिकारियों ने कर्मचारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा है कि गोंडा ट्रेन दुर्घटना में अभी तक रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की फाइनल जांच रिपोर्ट आई भी नहीं है। लेकिन संबंधित अधिकारी ने अपनी गलती छिपाने के लिए कीमैन के खिलाफ कार्रवाई कर दी है।

जिस दिन कीमैन को नोटिस जारी किया गया, ठीक उसी दिन उसे बर्खास्त करने का आदेश भी जारी होगा। यह कार्रवाई पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रही है

एनई रेलवे मेंस कांग्रेस के संरक्षक सुभाष दूबे का कहना है कि वरिष्ठ सहायक मंडल इंजीनियर, पूर्व- गोंडा ने कीमैन को बर्खास्त कर अन्याय किया है। मेंस कांग्रेस अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी। रेल लाइनों पर कार्य करने वाले कर्मचारी मंगलवार से बर्खास्तगी के विरोध में काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे।

महाप्रबंधक से लगयत रेलवे बोर्ड और मंत्रालय तक ज्ञापन सौंपकर शिकायत की जाएगी। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के महामंत्री केएल गुप्ता का कहना है कि कीमैन को बिना गलती की सजा मिली है। यह तो अंधेरगर्दी है। पता नहीं बातचीत का आडियो किसने प्रसारित किया। यूनियन न्याय की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने रेलवे प्रशासन से कीमैन को सेवा में बहाल करने की मांग की है।

पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के कोषाध्यक्ष मनोज द्विवेदी कहते हैं कि कीमैन ने कोड आफ कंडक्ट का उल्लंघन किया, लेकिन उसने व्हिसिलब्लोअर का भी तो काम किया। कीमैन ने रेलवे प्रशासन को समय से चेताया था। प्रशासन को यह समझना चाहिए की ऑडियो वायरल करने से रेल की छवि धूमिल हुई या उसकी बातों का समय से संज्ञान न लेने से

कीमैन को नौकरी से निकालना किसी भी हालत में जायज नहीं है। संघ उसके रिमूवल को खत्म करने की लडाई लड़ेगा। क्षेत्रीय रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति (जेडआरयूसीसी) के सदस्य अरविंद कुमार सिंह का कहना है कि असली दोषियों को बचाने के लिए कीमैन का रिमूवल किया गया है।

कीमैन की बातों पर यदि समय से अमल हुआ होता तो ट्रेन दुर्घटना नहीं हुई होती। यहां जान लें कि 18 जुलाई 2024 को गोंडा के पास झिलाही मोतीगंज के बीच गाडी संख्या 15804 दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। आसने कीमैन के रूप में तैनात थे।

उन्होंने दुर्घटना से 5 दिन पहले कीमैन ने जूनियर इंजीनियर को रेल लाइन में तकनीकी गड़बड़ी की जानकारी दे दी थी। इसके बाद भी संबंधित इंजीनियरों ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। दुर्घटना के बाद कीमैन और जूनियर इंजीनियर के बीच बातचीत का आडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया। आडियो प्रसारित होने से खार खाए रेलवे प्रशासन ने कीमैन को बर्खास्त कर दिया है।

दिसंबर 2008 में कुली से ट्रैकमेंटेनर बने थे आसने

बर्खास्त कीमैन आसने कुली से कीमैन बने हैं। दिसंबर 2008 में पूर्वोत्तर रेलवे के दर्जनों कुली ट्रैकमेंटेनर बने थे, उनमें गोरखपुर में तैनात कुली आसने भी शामिल थे। बाद में वह ट्रैकमेंटेनर- सेकेंड (कीमैन) के रूप में कार्य करने लगे। कर्मचारियों का कहना है कि आसने मेहनती, ईमानदार और अच्छे आदमी हैं। कम पढ़ा लिखा होने के बाद भी उनका सेवाकार्य सराहनीय है।

जबरदस्ती करा लिए साइन, कहे जाओ अब घर बैठो

दैनिक जागरण से बातचीत में आसने ने बताया कि वह सिर्फ कामभर के पढ़े-लिखे हैं। उन्हें तो ठीक से मोबाइल भी चलाना नहीं आता। उन्होंने कुछ नहीं किया है। शुक्रवार को उनसे जबरदस्ती साइन करा लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि अब घर बैठो। 15 दिन बाद जवाब देना। वह दफ्तर के बाहर आकर बैठ गए।

अधिकारी बाहर निकले तो कहने लगे, क्यों बैठे हो। यहां मत दिखना। मेरे छह बच्चे हैं। सिर्फ दो की ही शादी हुई है। अब तो रोजी-रोटी भी छिन गई। यह कहते ही वह फफक पड़े।

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