आगरा में दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण यमुना चंबल उटंगन और पार्वती नदियां उफान पर हैं। दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है और ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। तालाब गांव में होने से गौसिंली के घरों में पानी भर गया है।
आगरा। दो दिन से लगातार हो रही वर्षा से यमुना चंबल, उटंगन, और पार्वती नदी उफान पर हैं। दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है। ग्रामीणों में दहशत है। ग्रामीण जलस्तर पर नजर लगाए हुए हैं। अनाज से लेकर अन्य जरूरी सामान को सुरक्षित स्थान पर रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।
डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने प्रशासन को अलर्ट कर दिया है। एसडीएम से लेकर लेखपालों की तटवर्ती क्षेत्रों में ड्यूटी लगाई गई है। नदियों के जल स्तर और जलभराव पर नजर रखे जाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे किसी भी आपात स्थिति में ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा सके।
चंबल नदी के किनारे बसे गुढ़ा, धांधूपुरा, झरनापुरा, शिवलालपुरा, कुंअर खेड़ा और यमुना नदी के किनारे के सुंसार, गुढ़ियाना गांवों को सबसे ज्यादा परेशानी है। इन गांवों के लिए अब तक सड़क नहीं बनाईं गईं हैं। पांच से छह किलोमीटर दूर कच्चे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है।
वर्षा के कारण आवागमन पूरी तरह से प्रभावित है। जरूरी काम से ग्रामीणों को ट्रैक्टर की सवारी आना जाना पड़ रहा है। कच्चे रास्ते दल-दल में तब्दील हो गए हैं। गांवों में कैद होकर रह गए हैं। सुनसार के दयाशंकर, रामसनेही, किशन, राजकुमार आदि का कहना है वर्षा के बाद से और हालात गंभीर हो गए हैं।
चंबल नदी के पास बसा धांधूपुरा गांव का कच्चा रास्ता चंबल के बीहड़ के टीलों के बीच निकला है। दो दिन से लगातार हो रही वर्षा के कारण टीला ढह गया है, जिससे रास्ता बंद हो गया है। अब इस रास्ते से लोग निकल नहीं पा रहे हैं।
बाह के तीन गांवों का रास्ता बंद
बाह के गौसिंली गांव से होकर सिमराई, गुढ़ा के लिए रास्ता है। सड़क किनारे बना तालाब ओवरफ्लो हो गया है। जिसका पानी सड़क और घरों में घुस गया है। रास्ते में चार-पांच फीट पानी भर जाने से सिमराई और गुढ़ा का रास्ता बंद हो गया है। तालाब गांव में होने से गौसिंली के घरों में पानी भर गया है।
डीएम और सीडीओ भी दौड़े
डीएम भानुचंद्र गोस्वामी और सीडीओ प्रतिभा सिंह ने खंदौली और एत्मादपुर आदि क्षेत्रों का दौरा किया। नया बांस, खंदौली आगरा मार्ग से पानी निकासी के लिए इंतजाम कराए। सीडीओ प्रतिभा सिंह ने बताया कि सभी एसडीएम, तहसीलदार और लेखपालों के अलावा बीडीओ, एडीओ और पंचायत सचिवों को क्षेत्रों में ही रहने के लिए निर्देशित किया गया है। जलभराव और लोगों को परेशानी से बचाए जाने के लिए प्रशासन की ओर से व्यवस्था की गई है। सीडीओ प्रतिभा सिंह ने बताया कि राहत सामग्री पहुंचाए जाने के लिए एडीएम वित्त एवं राजस्व को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
स्टीमर का संचालन बंद
पिनाहट घाट पर चंबल का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र सात फीट कम है। इस वक्त 123 फीट पहुंच गया है, जिससे पिनाहट से एमपी को जाने के लिए की गई स्टीमर की सेवा को बंद कर दिया गया है।
पार्वती नदी में छोड़ा एक लाख क्यूसेक पानी
राजस्थान के आंगई बांध से पार्वती नदी में लगभग एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। प्रशासन ने तटवर्ती गांवों को अलर्ट कर दिया गया है। बाढ़ के मद्देनजर एसडीएम खेरागढ़ संदीप कुमार यादव ने नदी के तटवर्ती गांव कछपुरा, जाजऊ, नगला बेरिया, हिरोडा, नगला रामपाल, रावतपुरा आदि गांव के लोगों को अलर्ट कर दिया है।
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