Haryana Election 2024: 'खेल के साथ राजनीति भी कर लेंगे', कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर बोलीं विनेश फोगाट
विनेश फोगाट ने एक कार्यक्रम में कहा कि वह दोनों कर लेंगी। खेल के साथ राजनीति भी कर लेंगी। राजनीति में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने यह बात कही। विनेश फोगाट ने कहा कि खाप उनका परिवार हैं। हमेशा उनके साथ खड़ा रहा है। जब महिला पहलवानों का आंदोलन चल रहा था तब भी यही लोग साथ खड़े थे।
उचाना। जींद के खटकड़ टोल प्लाजा पर सोमवार को 105 गांवों व खापों ने ओलिंपियन पहलवान विनेश फोगाट का सम्मान किया। विनेश फोगाट को गदा, चांदी का मुकुट का प्रतीक हल भेंट किए गए। इस दौरान विनेश फोगाट से जब भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो फोगाट ने कहा कि मैं नहीं जानती, कौन संजय सिंह?
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान वे किसानों के वीडियो देख कर रोती थी। राजनीति में आने के प्रश्न पर फोगाट ने पलट कर पूछा कि क्या अच्छा है खेल या राजनीति? इस पर कहा गया कि दोनों ही अच्छे हैं। इस पर विनेश फोगाट ने कहा कि दोनों ही कर लेंगे।
जींद के लोग क्रांतिकारी- विनेश फोगाट
विनेश फोगाट ने कहा कि खाप उनका परिवार हैं। हमेशा उनके साथ खड़ा रहा है। जब महिला पहलवानों का आंदोलन चल रहा था, तब भी यही लोग साथ खड़े थे। जींद के लोग क्रांतिकारी हैं। यहां आकर उन्हें गर्व होता है। स्वर्ण पदक से चूकने पर विनेश फोगाट ने कहा कि यह लंबी कहानी है आज यह बताने का दिन नहीं है। जूनियर खिलाड़ी और भी पदक लेकर आएंगे। खेल में जितना भी योगदान दे सकती हैं, वह देंगी। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह द्वारा की गई टिप्पण के प्रश्न पर फोगाट ने कहा कि वे विवादित प्रश्नों पर कुछ नहीं कहेंगी। उन्होंने कह दिया कि संजय सिंह कौन हैं, वे नहीं जानती।
राजनीति में क्या होगा, पता नही
राजनीति में आने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि नहीं पता राजनीति में क्या शुरुआत होगी। लोग उनसे क्या उम्मीद लगा रहे हैं। मेरे अपने लोग क्या कह रहे हैं, यह महत्वपूर्ण है। वहीं जुलाना से कांग्रेस का टिकट मिलने की चर्चा पर उन्होंने कहा कि वे जींद की बहू हैं। ऐसे में यह उनका घर परिवार है। जींद में शादी होने पर उन्हें गर्व है।
कुश्ती से संन्यास पर नहीं लिया फैसला
कुश्ती से संन्यास के प्रश्न पर विनेश फोगाट ने कहा कि उन्होंने 30 की उम्र में कुश्ती में करके दिखाया है। उम्र उनके लिए कोई बाधा नहीं है। भावनात्मक रूप से वे बहुत अधिक टूटी हुई हैं। अभी सोचने का समय नहीं मिला है। शांत से बैठ कर इसके बारे में फैसला लेंगी। हां यह सही है कि कुश्ती का भविष्य काफी उज्ज्वल है।
बिना पदक इतना मान-सम्मान
विनेश फोगाट ने कहा कि पदक का खिलाड़ी होने के नाते अलग महत्व है, लेकिन पदक इसीलिए जीता जाता कि लोग सम्मान दें। बिना स्वर्ण पदक जीते भी उन्हें यह मिल रहा है। लोगों की उम्मीदें हैं, इससे उन पर जिम्मेदारी बढ़ गई हैं। अब चाहे वे कुश्ती में जाएं, या अकादमी खाेलें। इसके लिए लोग उनसे उम्मीद कर रहे हैं।
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