PAK vs BAN: अपने ही बोर्ड पर भड़के पाकिस्तान के नसीम शाह, रावलपिंडी की पिच को लेकर जमकर निकाली भड़ास
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के युवा तेज गेंदबाज नसीम शाह ने अपने ही बोर्ड पर जमकर गुस्सा किया है और नसीहत भी दे डाली है। नसीम ने बांग्लादेश के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच की पिच को लेकर अपने बोर्ड पर गुस्सा किया है। नसीम ने कहा है कि पिच से गेंदबाजों को जितनी मदद मिलनी चाहिए थी उतनी मिल नहीं रही है।
बांग्लादेश ने पाकिस्तान के खिलाफ खेले जा रहे पहले मैच में दमदार खेल दिखाया है जिसके कारण ये मैच अब ड्रॉ की ओर जाता दिख रहा है। चार दिन के खेल के बाद रावलपिंडी में खेले जा रहे इस मैच में कुल 1036 रन बने हैं और इसी कारण पाकिस्तान के तेज गेंदबाज नसीम शाह ने अपने ही बोर्ड को निशाने पर लिया है। नसीम ने कहा है कि तेज गेंदबाजों को पिच से वो मदद नहीं मिल रही है जितनी मिलनी चाहिए।
पाकिस्तान ने अपनी पहली पारी छह विकेट खोकर 448 रनों पर घोषित कर दी। बांग्लादेश ने अपनी पहली पारी में 565 रन बनाए जिसके चलते इस मैच का नतीजा निकल पाना मुश्किल लग रहा है।
'नहीं मिली मदद'
नसीम शाह ने चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा कि उन्हें इस पिच पर अपनी लय हासिल करने में परेशानी हुई। नसीम ने कहा, "मैं एक साल बाद टेस्ट क्रिकेट खेल रहा हूं। मुझे लय हासिल करने में समय लगा। जिस तरह का मौसम अभी इस समय है, यहां काफी गर्मी है। हमें विकेट से उस तरह की मदद नहीं मिली जितनी उम्मीद एक गेंदबाजी यूनिट के तौर पर हमने की थी।"
उन्होंने कहा, "अगर हम तेज गेंदबाजों के मुफीद पिच बनाने में सक्षम नहीं हैं तो हमें देखना चाहिए कि क्या हम स्पिनरों की मदद करने वाली पिचें बना सकते हैं। आपको घर में खेलने का फायदा उठाने की जरूरत है।"
गंभीरता से सोचना होगा
हाल के समय में पाकिस्तान में टेस्ट मैच काफी बोरिंग रहे हैं और यहां गेंदबाजों के लिए कुछ नहीं मिला है। पिचें पूरी तरह से बल्लेबाजों के लिए बनाई जाती हैं। नसीम ने कहा है कि अगर क्रिकेट को दर्शकों के लिए मेजदार बनाना है तो पाकिस्तान को इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा।
नसीम ने कहा, "लोग इतनी गर्मी में टेस्ट क्रिकेट का लुत्फ लेने आए हैं। आपको उनका मनोरंजन करने की जरूरत है। ये नहीं होना चाहिए कि आप अपने घरेलू मैदान पर हैं और सोच रहे हैं कि यार ये काम कितना मुश्किल है। जितना आप क्रिकेट को रोमांचक रखेंगे उतना ही अच्छा होगा। ये ऐसी चीज है जिसके बारे में हमें गंभीरता से सोचने की जरूरत है।"
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