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Uttarakhand Forest Fire: पहाड़ में जंगल संग 11 लोग भी जले, लेकिन आंकड़ों में पेड़ सिर्फ एक राख!

 उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग ने इस बार विकराल रूप धारण कर लिया था। कुमाऊं के जंगलों में 902 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आ गया था। चौंकाने वाली बात यह है कि वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इन दोनों डिवीजनों में एक भी पेड़ पूरी तरह नहीं जला। वहीं पहाड़ से जुड़ी नौ डिवीजनों में सिर्फ एक पेड़ राख हुआ है।

हल्द्वानी:- वन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट की तकनीकी खामी दूर होने के बाद फायर सीजन में जंगलों में लगी आग के आंकड़े भी अब सार्वजनिक हो चुके हैं। इसमें कुछ चौंकाने वाली बात भी है। पहाड़ के जंगलों में आग ने इस बार विकराल रूप धारण कर लिया था।

सिविल सोयम अल्मोड़ा और अल्मोड़ा डिवीजन के जंगल में लपटों की चपेट में आने से 11 लोगों की जान तक चली गई थी। मौतों के आंकड़े से तो वन विभाग इत्तेफाक रखता है मगर विभाग की मानें तो इन दोनों डिवीजन में एक पेड़ भी पूरी तरह नहीं जला। वहीं, पहाड़ से जुड़ी नौ डिवीजनों में सिर्फ एक पेड़ राख हुआ है, जो पिथौरागढ़ डिवीजन से जुड़ा है।

सामने आई 1276 आग की घटनाएं

उत्तराखंड के जंगलों में जून तक हरियाली के जलने का सिलसिला जारी था। इस अवधि में 1276 आग की घटनाएं सामने आई। 1771.665 हेक्टेयर जंगल चपेट में आया। इसमें गढ़वाल का 720.105 हेक्टेयर, वन्यजीव आरक्षित क्षेत्र में 148.63 हेक्टेयर और कुमाऊं के इलाकों में 902 हेक्टेयर जंगल में नुकसान हुआ। कुमाऊं में यह आंकड़ा मैदान से लेकर पर्वतीय क्षेत्र की डिवीजनों से जुड़ा है।

वहीं, हालात पर काबू पाने के लिए एसडीआरएफ-एनडीआरएफ के बाद वायुसेना के हेलीकाप्टर तक की मदद लेनी पड़ गई थी। अल्मोड़ा सिविल सोयम डिवीजन में दस और अल्मोड़ा वन प्रभाग में आग की चपेट में आने से 11 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। वहीं, सरकारी आंकड़े कहते हैं कि पहाड़ की नौ डिवीजनों में पूरे फायर सीजन में सिर्फ एक ही पूरा पेड़ जला है।

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