Explainer: फेल हो रहा 90 साल पुराना NDMC का सीवरेज सिस्टम, घंटेभर की बारिश में क्यों डूब जाती है लुटियंस दिल्ली?
बारिश में लुटियंस दिल्ली में जलभराव होने से एनडीएमसी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। सीवर से लेकर जल निकासी और नालों की सफाई की जिम्मेदारी एनडीएमसी के पास ही है। इस बार बारिश में कनॉट प्लेस से लेकर अफ्रीका एवेन्यू और चाणक्यपुरी और भारती नगर में जलभराव हो रहा है। एनडीएमसी के सामने कहां समस्या आ रही है कि वह समस्या से मुक्ति नहीं दिला पा रही है।
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में जलभराव की एक बड़ी समस्या यह है कि सीवरेज और बारिश जल निकासी की व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित है, लेकिन लुटियंस दिल्ली में ऐसा नहीं है। यहां पर न केवल सीवरेज की लाइन अलग है बल्कि बारिश जल निकासी की भी अलग व्यवस्था भी पुरानी व्यवस्था है।
कनॉट प्लेस जैसे इलाकों में हो रहा जलभराव
दिल्ली के अन्य इलाकों में बस रही अवैध कॉलोनियों से सीवरेज और जलनिकासी की मात्रा बढ़ जाती है पर यहां पर सीमित संख्या में संपत्तियां होने के कारण आबादी भी दिल्ली के अन्य इलाकों की अपेक्षा में उस तेजी से नहीं बढ़ रही है। फिर भी कभी अफ्रीका एवेन्यू तो चाणक्यपुरी, कनॉट प्लेस, भारती नगर जैसे इलाकों में जलभराव के बढ़ते मामलों ने लुटियंस दिल्ली की जलनिकासी व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ऐसा इलाका है जिसमें सीवर से लेकर जल निकासी और नालों की सफाई की पूरी जिम्मेदारी एनडीएमसी के पास ही है। इसमें कोई अन्य एजेंसी शामिल नहीं
ऐसे में यहां पर हो रहे जलभराव के लिए एनडीएमसी का सीवरेज और सड़क विभाग जिम्मेदार है। अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच भी नहीं सकते हैं।
एनडीएमसी के सामने कहां आ रही समस्या?
एनडीएमसी इलाके में 400 डायामीटर से लेकर 2100 डायमीटर की सीवरेज की लाइने हैं। जिसमें जलनिकासी के पर्याप्त इंतजाम हैं, लेकिन एनडीएमसी के सामने समस्या यह आ रही है कि जहां पर उनके नालों का पानी निकलता है वहां से आगे पानी उस रफ्तार से नहीं निकल पाता है जिस रफ्तार से निकलना चाहिए।
एनडीएमसी के एक अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि एनडीएमसी इलाके में बारिश जल निकासी का पानी या तो कुशक नाले से जाता है या फिर सुनहरी पुल नाले से जाता है, लेकिन दोनों नाले जो कि बारापुला में जाकर मिलते हैं वह या साफ नहीं होते हैं या फिर उनकी ऊंचाई एनडीएमसी की नालों की ऊंचाई से ज्यादा है।
नाले की चौड़ाई हुई कम
वहीं, एमसीडी और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग इन नालों की सफाई न करने की वजह एनडीएमसी इलाके में बारिश के जल निकासी नहीं हो पाती है। बारापुला नाले में फ्लाईओवर के पिलर बनने से भी फ्लो अवरुद्ध होने लगा है। साथ ही नाले की चौड़ाई भी इससे कम हो गई है। इसकी वजह से एनडीएमसी के बारिश जल निकासी बैक (पानी पीछे की ओर आना) मारने लगते हैं।
एनडीएमसी ने हाल ही में इस समस्या के समाधान के लिए सूचना भवन के पास और दयाल सिंह कालेज के पास पुल के नीचे नाले से 600 से ज्यादा मीट्रिक टन गाद निकाली थी। इससे भारती नगर व इंडिया गेट के आस-पास के इलाके में बीते दिनों हुई बारिश में ज्यादा पानी नहीं भरा था।
90 वर्ष पुराना है एनडीएमसी का सीवरेज सिस्टम
एनडीएमसी का सीवरेज सिस्टम भी आजादी से भी पहले का है। यहां 90 वर्ष पुराना सीवरेज सिस्टम है। इसे बदलने के लिए एनडीएमसी ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा हुआ है। इसमें एनडीएमसी ने 556 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाया है।
इसके तहत इस सिस्टम को वर्ष 2047 के अनुरूप तैयार करना है ताकि यहां पर जलनिकासी को यह ठीक कर सके। सीवरेज सिस्टम पुराना होने के दुष्षपरिणाम यह हो रहे हैं कि सीवरेज लाइनों की लीकेज से सड़कों के धंसने के मामले बढ़ रहे हैं।
- Log in to post comments