छल-कपट हमारे चरित्र में नहीं', अमेरिका में काम कर रहे प्रवासी भारतीयों को राजनाथ सिंह ने क्या दी सलाह?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वॉशिंगटन में प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की। बातचीत के दौरान उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि मौजूदा समय में भारत की सोच क्या है। वहीं दुनिया को लेकर हमारे देश का नजरिए क्या है। उन्होंने भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों का भी जिक्र किया। 23-26 अगस्त तक राजनाथ सिंह अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड आस्टिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।
वॉशिंगटन। रक्षा मंत्री राजनाथ गुरुवार को चार दिवसीय यात्रा पर वॉशिंगटन पहुंचे। यात्रा के दौरान सिंह अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। वह अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से भी मुलाकात करेंगे।
यह यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूती देगी। वॉशिंगटन में राजनाथ सिंह ने प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की। प्रवासी भारतीयों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि भारत न कभी भी दूसरे देश की पीठ में छुरा नहीं घोपा सकता है वहीं, भारत ने दुनिया को 'वसुधैव कुटुम्बकम' का संदेश दिया है।
रक्षा मंत्री ने कहा, "मैं यहां काम कर रहे भारतीय सदस्यों से कहना चाहूंगा कि वे पूरी ईमानदारी से काम करें। आपको भारत के प्रति समर्पित होना चाहिए, लेकिन चूंकि आप यहां काम कर रहे हैं, इसलिए अमेरिका के प्रति आपके समर्पण पर भी सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। तभी भारतीयों की धारणा अच्छी होगी।" उन्होंने कहा, "छल-कपट हमारे चरित्र में नहीं है। हम धोखा खा सकते हैं, लेकिन हम दूसरों को धोखा नहीं दे सकते। यही संदेश दुनिया को जाना
विश्व को एक परिवार मानता है भारत: राजनाथ सिंह
उन्होंने कहा, "छल-कपट हमारे चरित्र में नहीं है। हम धोखा खा सकते हैं, लेकिन हम दूसरों को धोखा नहीं दे सकते। यही संदेश दुनिया को जाना चाहिए।"
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि भारत ने विश्व को 'वसुधैव कुटुम्बकम' का संदेश दिया है तथा विश्व में सभी जातियों और धर्मों के लोगों को एक परिवार मानता है।
राजनाथ सिंह ने कहा,"हम वो देश हैं, जिसने पूरी दुनिया को 'वसुधैव कुटुम्बकम' का संदेश दिया है। हमारे देश में रहने वाले लोग सिर्फ हमारे परिवार के सदस्य नहीं हैं, बल्कि दुनिया के सभी लोग, चाहे उनकी जाति, धर्म या समुदाय कुछ भी हो, एक ही परिवार के सदस्य हैं। 'पूरा विश्व एक परिवार है।"
दोनों देशों का मिलना किसी नियति से कम नहीं: रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री ने आगे भारत और अमेरिका के मजबूत राजनीयिक रिश्तों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा,"दोनों देशों के रिश्ते किसी नियति से कम नहीं है। दरअसल, क्रिस्टोफर कोलंबस भारत की खोज पर निकला था, लेकिन वो अमेरिका आ पहुंचा। दोनों देशों के बीच संबंध काफी पुराने हैं। "
भारत और अमेरिका ने नवंबर 2023 में पांचवें वार्षिक भारत-अमेरिका टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय संवाद के बाद द्विपक्षीय रक्षा पहल पर प्रगति की सराहना की है। अमेरिका ने भारत के सैन्य आधुनिकीकरण, रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए रोडमैप को आगे बढ़ाने, अरब सागर और निकटवर्ती जलमार्गों में कानून के शासन के लिए भारत के समर्थन की प्रतिबद्धता जताई है।
दोनों देशों के बीच साझेदारी होगी और मजबूत
इस साल जून में सुलिवन ने भारत का दौरा किया था। नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच कई रणनीतिक, क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर नियमित चर्चा और उच्च स्तरीय यात्राएं हुई हैं, जिनमें क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलाजीज पहल (आइसीईटी) भी शामिल है। दोनों देशों ने स्वीकार किया है कि जनवरी 2023 में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा लॉंच आइसीईटी दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
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